Saturday, November 17, 2012

जाऊ अहाँ त जैबे करब
प्राण हमर त लैबे करब 

अहाँ राखी नै राखी मोन हमरा
बेर-बेर हकारि हम बजैबे करब

अहाँ छेड़लहूँ जे मधुर तान
ओ गीत त हम गैबे करब

अहाँ शोर जे पारब कहियो
हम भागल परायल ऐबे करब

संगी साथी में त ई होइते छैक
अहाँ त ठानि लेलंहू जे हरैबे करब

हारियो क मुदा हम जीतल रहब 
नाम सुनि हमर मुंह अहाँ बैबे करब

चाहब जे जितीयो क अहाँ खुश रही
अहाँ त कोनो रुपे सतैबे करब

दैव देर करय छथि अन्हेर नै कहियो
हमरा त जे कपाड़ में से पैबे करब 

राजीव रंजन मिश्र
०३.०६.२०१२

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