आइ हम बहुत खुश छी
मुदा एखनो त बेबस छी
बान्हल स्वभावक जुन्नीसँ
ठानि बैसल जे रभस छी
जिनगी जे लागै छल भार
बुझि परै बड्ड सरस छी
जे छला छिरियैल सगरो
सभतरि जस क तस छी
पाबि मोनक चाहल सभ
फूलि कए ठस्सम ठस छी
सच के मानी सरल मोने
"राजीव" कथिक बहस छी
राजीव रंजन मिश्र
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