Sunday, June 30, 2013

गजल-७९



गजल-७९


धरू डेग त' सही बस ई धियान कए राखब

सदति मोनकँ सभक सभ धरि जवान कए राखब 


रहल संग जँ सभक दैवक विधान सेहो बदलब

विरल सोचसँ अबस नबका निशान कए राखब


कहाँ थीर भ' रहब आबो हिचक जँ रहल एना

कखन भागकँ अपन हाथक समान कए राखब


रहब टेढ जँ बनल दाँतेसँ बातकँ पकरब 

तखन जानिकँ अपन घर मसान कए राखब


भ' "राजीव" जँ रहब एक्कहि बात बुझब सभ मिलि 


रहत बाम जँ करम तैय्यो विहान कए राखब 


1221 112 22121 1222

@ राजीव रंजन मिश्र

Saturday, June 29, 2013

गजल-७८

गजल-७८ 

बिन जरेने दिया ने ईजोर होइत छै 
राति बितला क' बादे टा भोर होइत छै

आँखि फूजल जँ राखब सूझत तखन मीता
कष्ट सहलाक बादे टा तोड़ होइत छै 

बाट काँटे भरल नै कतबो किएक हो
चलिकँ जितबाक स्वादे बेजोड़ होइत छै  

पानि विर्रों सहल जतबे छाँह रउदक नित  
मोन तपलाक' बादे टा गोर होइत छै

जानि राखब सदति सत "राजीव" ई धरनिक 
नाम किरियाक' बादे टा शोर होइत छै 

२१२२ १२२२ २१२२२ 

@ राजीव रंजन मिश्र 

Friday, June 28, 2013

गजल-७७


गजल-७७ 

बनल करेजक धरकन छी आहाँ
सजाकँ पारल अरिपन छी आहाँ 

जखन परल कत कोनो भी हाही
हमर मनोबल सदिखन छी आहाँ

कतेक जन्मक मांगल चांगल सन
सजल सवाँरल अनमन छी आहाँ

दुखक पहाऱो हारल आ भागल
सभक सराहल अभरन छी आहाँ 

बिरल सखा थिक देखू "राजीव"क
सजल वयन बड खनहन छी आहाँ 
1212 222 222

@ राजीव रंजन मिश्र 

गजल:७६




गजल:७६ 

बइसल धारक कातमे
भेटल ककरा पातमे 

रखलक सक्कत डाँर जे
जीतल बाते बातमे 

जागल नित दिन राति जे
घिँउ छल तकरे भातमे 

ताकब अनकर दोष टा
लागल रहि शह मातमे 

राखब नित "राजीव" धरि
लाजक पहरा गातमे 

2222 212
@ राजीव रंजन मिश्र 

Tuesday, June 25, 2013


गजल-७४

बात चलल जे भाबक सभ गप्प पुरनगर मोन परल
राति दिनक झंझट मे नित गीत मधुरगर मोन परल 

बात उठल छल मजलिस मे नेह सिनेहक नाम जखन
चाह भरल आँखिक ओ करवार चकरगर मोन परल 

मीत कटल दिन कहुना धरि साँझ बड़ी चुपचाप बुझू 
चान चढ़ल बेधल छाती राति रमनगर मोन परल

लोक हिसाबे मय पीयब आँत जरत बुरियाक' मरब
हारि मुदा सदिखन धरि मदपान पियरगर मोन परल 

लोक भला की जानै "राजीव" मरल अपनेसँ हहरि
ताकि घुरल जे पाछू दिलदार चहटगर मोन परल 

२११२  २२२२  २११२२  २११२ 

@ राजीव रंजन मिश्र 
गजल-७ 

जिनगी झहरि झहरि नित गरदा बनल हमर यौ 
गुमसुम रहब सदति बस चरजा बनल हमर यौ 

संगे चलल कहाँ क्यौ गहि देह आर पाँजर 
सभ संग नित रहब टा खगता बनल हमर यौ 

संस्कार आ विवेकक बाते त' जुनि करब बस 
जानक जपाल बाबू सभटा बनल हमर यौ 

निस दिन रहल उताहुल सिखबाक लेल नब किछु 
धरि चालि यैह थेथ्थर सटका बनल हमर यौ 

"राजीव" छल निछावर नेहक वयन वचन पर  
नेहे सदति स्वभावक पटरा बनल हमर यौ 

२२१२ १२२ २२१२ १२२ 

@ राजीव रंजन मिश्र 

Thursday, June 20, 2013

गजल-73

सोच मोनक बऱी निठोहर छल
हिय त' दर्दक भरल सरोबर छल

ताकि भेटल सदति सखा सभतरि
बाट घाटक बनल धरोहर छल

हाल देखल कहरि उठल विधना
तैं प्रकृतियो बनल पयोधर छल

गाछ हरियर सजल फरल लुधकल
चोभि देखल त' आम चोकर छल

चाहि "राजीव" लाख सभ हारल
स्वप्न सुन्नर सुघड़ मनोहर छल

2122 1212 22
@ राजीव रंजन मिश्र 

Monday, June 17, 2013

गजल-७२

माए सम्हारथि घर बाबू बहबथि घाम थिकाह 
संतानक बास्ते गर्जन बर्जन आराम थिकाह 

अपना पर सहि नित सभटा ठंढी रौद बसात 
धी पुत खातिर सदिखन तजने मोनक मान थिकाह 

सक्कत मोने उपरे उपरे धेला रूप कठोर 
कष्टक फेरी परिते दउरल ठाम्हे ठाम थिकाह 

बुझलक सुनलक नै कथनी माए बाबुक जँ संतान 
बुझि राखथु सभ रूपे नित विधना बाम थिकाह

देखल बाबू जानल बाबू बनि "राजीव" समय सँ 
बाबू जीवन मे नै झुट्ठो हल्लुक नाम थिकाह 

    २२२२ २२२२ २२२१ १२१

@ राजीव रंजन मिश्र   

Tuesday, June 11, 2013

गजल-७१ 

लोक बाजल रहल निभाबए सँ 
बानि हिस्सक रहल हटाबए सँ 

चारि आखर बचल दबा कँ मोन  
नीक लागल त' गुन गुनाबए सँ 

लरि रहल छी गलत सही क' लेल  
चाह पूरत कि ढनमनाबए सँ 

चान सूरुज जकर गवाह भेल 
लाभ कोनो कि सत दबाबए सँ 

फारि "राजीव" की करब करेज 
दुख घटत नित हँसब हँसाबए सँ 


२१२२ १२१२ १२१ 
@ राजीव रंजन मिश्र 

Monday, June 10, 2013


गजल-७० 

एक दिन विश्राम भेटतए 
राति दिन ने भाग पेरतए 

लोक जागत निन्न तोरि जखन 
दैब भागक दीप लेसतए 

बस चलू सोझे ध' बाट अपन 
हारि जगती माथ टेकतए 

नित बुझत करमक मरम जँ मनुख 
सुर असुर मुनि गेह डेबतए 

होउ जुनि "राजीव" बेकल सन 
चान तारो आबि सेबतए 

२१२ २२१ २११२ 

@ राजीव रंजन मिश्र 

Sunday, June 9, 2013


गजल-६९ 

दुनिये टा अपना आप मे त व्यापार भ' गेलए
सभ रूपे लोकाचार तजि निराकार भ' गेलए
 
हेहर जे जतबे बात बैबहारक भ' क' चलि रहल 
ततबे बरका से गाम मे कलाकार भ' गेलए  

अखबारक बाते जुनि करू खबर ख़ास कथी पढ़ब 
चोरी देहक मर्दन सगर समाचार भ' गेलए 

जकरे देखू भेटत दहो बहो नोर खसाबिते 
शासक हाथक धुर खेल टा जनाधार भ' गेलए

मोजर क्यौ ककरो देत आब "राजीव" सहज कहाँ 
खहरल हारल दैवो लजा क' लाचार भ' गेलए 

२२२  २२२१२  १२२१  १२१२
@ राजीव रंजन मिश्र 

Thursday, June 6, 2013


गजल-६८ 
बस बुझबाक टा क' बात थिकौँ
नित बढबाक टा क' बात थिकौँ

नखतक बाट कोन दूर बरी
जुटि चलबाक टाक' बात थिकौँ

मनुखक गात पाबि दंभ किए
गुन रखबाक टाक' बात थिकौँ

ओना बात लागि जैत मुदा
सुधि रहबाक टाक' बात थिकौँ

"राजीव"क त' सोच सदति सखा
सत भखबाक टा क' बात थिकौँ

2221 212 112
@ राजीव रंजन मिश्र

Monday, June 3, 2013


गजल-६७ 

नब कहाँ किछु बात भेल 
हारि सभ नित कात भेल 

छल सदति नित नेह भाब 
नित पियरगर गात भेल 

चाह बस जीती हरा क'
जीत टा धरि मात भेल 

आँखि टा उठल त' फेर 
कहि रहल छल घात भेल 

टोकलक "राजीव" रोकि 
तीत अनसोंहात भेल 

२१२२ २१२१ 
@ राजीव रंजन मिश्र