एक हमारा नारा है,एक निति हम जानते!
शांति और श्रधा के प्रचारक,हम खुद को है मानते!!
बहती है हम सब के रग में,शोणित गाँधी और सुभाष महान के!
डिग न सकेंगे अपने पथ से,हम वासी हिंदुस्तान के!!
गाँधी ने जो राह दिखाए,त्याग और बलिदान के!
सच्चाई है निति हमारा,हम सत्य को जीवन मानते!!
छीन झपट कर इधर-उधर से,हम जीना नहीं जानते!
सच्चाई पर मिट जायेंगे,हम वासी हिंदुस्तान के!!
हम न लऱे हैं कभी किसी से,बरछी तीर कमान से!
जीता है हमने हर एक जंग को शांति और सम्मान से!!
अन्याय किसी बेवस पर करना,हम कायरता मानते!
पर रौब किसी का नहीं सहेंगे हम वासी हिंदुस्तान के!!
सत्य अहिंसा को ढाल बनाकर,टकरायेंगे जहान से!
भारत माता के इज्ज़त के खातिर,खेलेंगे अपनी जान से!!
नाजायज़ हरकते छोरः दे दुनिया,रखे हम को पहचान के!
ईंट से ईंट बजा देंगे,हम वासी हिंदुस्तान के!!
---राजीव रंजन मिश्रा