शिकवे भी होंगे शिकायत भी होंगे
मगर इस जहाँ में इनायत भी होंगे
बहूत खूब किसी ने कहा है दोस्तों
बदस्तूर दुनिया में मोहब्बत भी होंगे
कसक गर बनी रहे मीठी सी यादों की
तो बेशक जिन्दगी में नजाकत भी होंगे
ना जाने कहाँ किस मोड़ पे टकरा जायें वो
भरोसा नहीं है उनका बेमुरव्वत भी होंगे
"राजीव" कब तक रहेगा खुद से खफा तू
नाउम्मीदी हटा दे फिर नफासत भी होंगे
राजीव रंजन मिश्र
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