Saturday, November 17, 2012


परम प्रभु
नटवर नागर 
कृष्ण-कन्हैया
गोपाला नंदलाला
हे गोवर्धनधारी !!

सुन विनय   
मेरी कृष्ण मुरारी
राधारमण 
हे यशोदानंदन
गोपी जन वल्लभ !!

आन पऱी है 
विपद धरा पर 
लुट मची है 
अंधकार है भारी
आओ कुंजबिहारी !!

है आस तू ही
विस्वास तुम्ही पर
सुन बिनती 
तू करूणानिधि है
हे बिपिनबिहारी !!

यमुना तीरे
खेल रचाने आओ
भारत देश
बचाने आओ कान्हा
वेकंटरमणा प्यारे !!

देर न कर
प्रभु दीनदयाला
कुछ कर दे
लाज बचा भक्तों की
खाली झोली भर दे !!

हे राधावर 
हे मनमोहन जू 
गोविन्द मेरे
वंशी जरा बजा दे
हम तुम्हें पुकारे !!

राजीव रंजन मिश्र

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