घासन पात पर
माखन सन चून!
तइ परसँ जौं
होइ कथ दुगून!
रूचि अनुरूपे
होय जरदा देल!
सुपारी कतरल
आर किवामक मेल!
सिनेहे सजाओल
गुलाब जल फेटल!
एहन आनन्द ने
दोसर भेटल!
छी बड्ड रसगर
ताम्बुल नाम!
मुहँ मे जाइते
अलगे शान!
हाँ यौ बाबू
ई थिक पान!
मिथिला मैथिल
केर पहचान!
राजीव रंजन मिश्र
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