मुरलीवाले तेरी बंशी,जग से नाता मेरा सब तोङ गया रे
कान्हा प्यारे तेरी नजरें तुझसे नैना मेरे बस जोङ गया रे
कान्हा प्यारे तेरी नजरें तुझसे नैना मेरे बस जोङ गया रे
तेरी झाँकी बङी ही निराली भावे मन को हे शयाम गिरधारी
तेरी अनुपम छटा मोहन मुझको चाहत में करके विभोर गया रे
तेरी अनुपम छटा मोहन मुझको चाहत में करके विभोर गया रे
तु है नटखट बङा मनमोहन,तेरे कजरारे चंचल दो नैनन
बनके भोला तु साँवरिया,दिल को मेरे चुरा चितचोर गया रे
बनके भोला तु साँवरिया,दिल को मेरे चुरा चितचोर गया रे
सूना सूना है बिन तेरे गोकुल,खोयी रहती है खुद में सखियाँ
हो के निष्ठुर तु राधारमण,ब्रज की गलियों को जबसे छोङ गया रे
हो के निष्ठुर तु राधारमण,ब्रज की गलियों को जबसे छोङ गया रे
है बस चाहत यही इस दिल में,तेरे चरणों में मिट जायें“ राजीव"
ले ले अपने शरण में तु, दुनियादारी मुझे झकझोर गया रे
ले ले अपने शरण में तु, दुनियादारी मुझे झकझोर गया रे
राजीव रंजन मिश्र
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