गजल-268
गजलकेँ गजल हिसाबे देखू
कठिन नै सरल हिसाबे देखू
कठिन नै सरल हिसाबे देखू
करै छी सदति प्रेषित जे तकरा
चरन रज कमल हिसाबे देखू
चरन रज कमल हिसाबे देखू
सही आ गलत कथी छी जगमे
असल आ नकल हिसाबे देखू
असल आ नकल हिसाबे देखू
निहित भाव छैक रचनामे तैँ
सुनल आ घटल हिसाबे देखू
सुनल आ घटल हिसाबे देखू
जँ राजीव देखबाकेँ ललसा
तँ चातक चपल हिसाबे देखू
तँ चातक चपल हिसाबे देखू
122 12 122 22
©राजीव रंजन मिश्र
©राजीव रंजन मिश्र
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