गजल -२७९
मिथिलाधाम महान यौ
थिक बड़ उँचगर मान यौ
थिक बड़ उँचगर मान यौ
गाछी खेतक शानमे
लागल सगरो चान यौ
लागल सगरो चान यौ
भेटय ऐ ठम पाग आ
घर घर पान मखान यौ
घर घर पान मखान यौ
कोसी कमला संगमे
निरमल धार बलान यौ
निरमल धार बलान यौ
हिंदू शंख फूकि रहल
मियाँ* देल अजान यौ
मियाँ* देल अजान यौ
पाहुन बनि कँ जतह पहुँच
गेला श्री भगवान यौ
गेला श्री भगवान यौ
छी राजीव हमर सभक
मिथिला मैथिल प्राण यौ
मिथिला मैथिल प्राण यौ
* पाँचम शेरमे एकटा लघुकेँ दिर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।
2221 1212
@ राजीव रंजन मिश्र
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