Monday, September 22, 2014

गजल-३२०

ई जे मोनक जरब थिक
बाबू दुसमन गजब थिक

चुप्पे चापे रहब नित
जरि मरि अँचरी चढब थिक

निकहा लोकक सहज गुन
सोझाँ सोझी चलब थिक

जीवन जीनाइ ऐ ठाँ
जेना तीले बहब थिक

हाँ यौ अन्तिम घऱी धरि
जीवट राखब रहब थिक

जखने राजीव थमलहुँ
तखने जिबिते मरब थिक

2222 122
©राजीव रंजन मिश्र

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