गजल-३०५
सिनेहक अपन किछु कने दाम लेलक
बजा आइ फेरो हमर गाम लेलक
बजा आइ फेरो हमर गाम लेलक
सुनल जे हिया दाइकेँ शोर पारब
हमर देह चटदनि सरंजाम लेलक
हमर देह चटदनि सरंजाम लेलक
विदा भेल छी फेर अपन माटिकेँ दिस
अपन क्यौ हमर पुनि हमर नाम लेलक
अपन क्यौ हमर पुनि हमर नाम लेलक
भने लाख काजक परल हो पसाही
पहिला जगह धरि धरा धाम लेलक
पहिला जगह धरि धरा धाम लेलक
जहाँ धरि सिनेहक तँ राजीव गप थिक
जही ठाम भेटल तही ठाम लेलक
जही ठाम भेटल तही ठाम लेलक
1221 22 12 2122
© राजीव रंजन मिश्र
© राजीव रंजन मिश्र
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