गजल-३२४
बड़की टाक धाप छैक
मोनक बड उताप छैक
मोनक बड उताप छैक
बूढ़ा छथि उनार भेल
बेटा भेल बाप छैक
बेटा भेल बाप छैक
नीकक संग द्वंद केर
घुट्ठी धरि मिलाप छैक
घुट्ठी धरि मिलाप छैक
बचि कँ रहब महानुभाव
माहौले खराप छैक
माहौले खराप छैक
छी राजीव बूझि गेल
अहियो ठाम खाप छैक
अहियो ठाम खाप छैक
२२२ १२१ २१
©राजीव रंजन मिश्र
©राजीव रंजन मिश्र
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