भक्ति गजल-१०
आई रामनवमीक शुभ अवसर पर रामललाक प्रति निकलल किछु उदगार प्रेषित अछि अहाँ सभक समक्ष,स्नेहाकांक्षी रहब।
कैकयि मोन मुदित बिहुँसल कौशल्या छथि
नवमी तीथि सुखद मनभावन चैतक बड़
महमह आइ बहल चहुँ दिसि पुरवय्या छथि
नौबत बाजि रहल अछि नगरीमे सगरो
बरसल सोन रतन दशरथ लुटवय्या छथि
शिव चतुरादि अएला देखय अनुपम छवि
शोभासिन्धु परमसुख राम* रमय्या छथि
हरषल मोन मगन राजीवक लखि रूपक
लागल राम अगम भवसिंधु* बचय्या छथि
२२२१ १२२ २२ २२२
@ राजीव रंजन मिश्र
* चारिम आ पाँचम शेरमे दू गोट अलग अलग लघुकेँ एक टा दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।
सुझाब आ सिनेहक आकांक्षी रहब।
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