गजल-२१७
धरि लोक उताहुल पारा सन
अछि फेर चुनावक मौसम तैं
बड़ बोल सुनब जयकारा सन
जे बाजि रहल हम छी संगे
से लागि रहल बिषहारा सन
धुरखेल पुरनगर वोटक ई
नेता तँ रहत ध्रुबतारा सन
राजीव मरब हमहीँ आँहाँ
कसिया कँ निचोरत गारा सन
२२१ १२२ २२२
@ राजीव रंजन मिश्र
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