मुरली माधबकेँ जखने मधुर बजलए
राधारानीकेँ पायल छनकि उठलए
राधारानीकेँ पायल छनकि उठलए
नाचल गोपी आ ग्वारो किसन संगमे
सुर नर किन्नर से लखि लखि हरषि रहलए
सुर नर किन्नर से लखि लखि हरषि रहलए
रासक शोभाकेँ के की बखानत मुहें
लागल निधिबनमे चन्ना उतरि पड़लए
लागल निधिबनमे चन्ना उतरि पड़लए
यमुना काते औ कनुआ रचल खेल से
नाथल कालीकेँ फन आ बिहुँसि नचलए
नाथल कालीकेँ फन आ बिहुँसि नचलए
जोऱी मोहनकेँ राजीव दोसर कतह
मीतक ताण्डुल पर त्रिभुवन लुटा हँसलए
मीतक ताण्डुल पर त्रिभुवन लुटा हँसलए
२२ २२२ २२१२ २१२
@ राजीव रंजन मिश्र
@ राजीव रंजन मिश्र
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