गजल-११३
आइ २ अक्टूबर,देशक दू गोट महानतम व्यक्तिक जन्मदिन,क्यौ ककरोसँ कम नै,दुनू गोटेकेँ हमर शत शत नमन,ऐ रचनाक संग(नै जानि हमर ई रचना गजल कहाओत कि नै मुदा गजलकारक हिसाबे हम जे किछु कहबाक से गजलक रुपमे कहब नीक बुझय छी आ गजल विधामे सभ तरहक रचनाक समर्थक छी,बाँकी जे ग्यानी - गुणीजन कहएत) विचारक संग स्नेहाकांक्षी रहब:
सत कखनो नै मरए छै
तितगर धरि बड लगए छै
गांधी शास्त्रीक कहल टा
सभ मौसममे छजए छै
सभ मौसममे छजए छै
झूठक खेती क' बचल के
जिनगी हिनकर कहए छै
जिनगी हिनकर कहए छै
निश्छल करनी बले यौ
दानव बड़का डरए छै
दानव बड़का डरए छै
राजीवक माथ त' बापू
शास्त्री लै नित नबए छै
शास्त्री लै नित नबए छै
2222 1122
@ राजीव रंजन मिश्र
०२.१०.२०१३
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