गजल-२४९
दुनिया भरिकेँ खेल छै ऐ ठाँ
सभटा झूठक लेल छै ऐ ठाँ
सभटा झूठक लेल छै ऐ ठाँ
मतलब की छै कोन जे ककरा
फुइसक खातिर मेल छै ऐ ठाँ
फुइसक खातिर मेल छै ऐ ठाँ
मोजर ककरो देत की कनियो
लुरिगर सभ क्यौ भेल छै ऐ ठाँ
लुरिगर सभ क्यौ भेल छै ऐ ठाँ
झुठक जिनगी झूठकेँ दुनिया
लागय सदिखन जेल छै ऐ ठाँ
लागय सदिखन जेल छै ऐ ठाँ
जानी धरि राजीव ई सत गप
भेटय जकरे देल छै ऐ ठाँ
भेटय जकरे देल छै ऐ ठाँ
2222 212 22
@ राजीव रंजन मिश्र
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