गजल-२४६
अहाँक दाबी झूठक छी
पथार फूइस बातक छी
पथार फूइस बातक छी
सुरा सुनरिमे डूबल रहि
बनल समाजक सेवक छी
बनल समाजक सेवक छी
अनेर बाजू जुनि बेसी
बढल लचारी भूखक छी
बढल लचारी भूखक छी
अहाँ बुझब ने कहियो दुख
सवाल पापी पेटक छी
सवाल पापी पेटक छी
करेज दरकल राजीवक
लिहाज गांधीवादक छी
लिहाज गांधीवादक छी
121 22 222
@ राजीव रंजन मिश्र
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