जानकी गीत
माँ जानकीक जनमदिन घर घर मे हम मनाबी
सभ मिलि ख़ुशी मनाबी अ-क्षत दीप हम जराबी
सभ मिलि ख़ुशी मनाबी अ-क्षत दीप हम जराबी
माँ जानकीक जनमदिन...........
मिथिला जिनक छल नैहर,मैथिल अपन छलथि यौ
हम मैथिलक धरम बुझि,करतब अपन पुराबी
हम मैथिलक धरम बुझि,करतब अपन पुराबी
माँ जानकीक जनमदिन...........
मिथिलेशनंदनी छथि सदति ममताक रूप सुन्नर
चललीह जे बाट सत्तक हम गीत हुनक नित गाबी
चललीह जे बाट सत्तक हम गीत हुनक नित गाबी
माँ जानकीक जनमदिन...........
धियाक रूपे गुनगर,भार्याक रूपे लुरिगर
दुहि कुलकँ लाज रखलीह गहि मान हम बढाबी
दुहि कुलकँ लाज रखलीह गहि मान हम बढाबी
माँ जानकीक जनमदिन...........
हे माए हम छी बुरिबक,महिमा ने जानि सकलहुँ
रही ने आब निरसल नब रूप धए देखाबी
रही ने आब निरसल नब रूप धए देखाबी
माँ जानकीक जनमदिन...........
"राजीव" यैह बिनबैथ,जग जननि जानकीसँ
मैथिलकँ ज्ञान जागय,इतिहास पुनि रचाबी
मैथिलकँ ज्ञान जागय,इतिहास पुनि रचाबी
माँ जानकीक जनमदिन...........
@ राजीव रंजन मिश्र
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