भक्ति गजल-३
कुंडल कानन दमकैत माधबकँ
अधरन बाँसुरि बिहुँसैत माधबकँ
चानन माथक गमकैत माधबकँ
पैरक पैजनि छनकैत माधबकँ
डाँरक डरकस ससरैत माधबकँ
माय यशोदा सजबैत माधबकँ
कारी नैनन मटकैत माधबकँ
केशक चोटी लटकैत माधबकँ
सुन्नर आनन चमकैत माधबकँ
सुर नर किन्नर निहुँछैत माधबकँ
नागक रनियाँ गुहरैत माधबकँ
ग्वारक धीया नचबैत माधबकँ
ग्वालक संतति बजबैत माधबकँ
शिव चतुरादिक बिनबैत माधबकँ
दाऊ बलदउ खिझबैत माधबकँ
राधा रुक्मणि रभसैत माधबकँ
मंगल गाबिकँ निरखैत माधबकँ
"राजीव"हुँ छथि सुमिरैत माधबकँ
२२२२ २२१ २२१
@ राजीव रंजन मिश्र
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