Wednesday, March 13, 2013


गजल-३९ 

हम बात बिचारक मारल छी 
थकि हारि सिनेहक डाहल छी 

जत पाठ पढ़ल तत बूझल टा 
मति मोन मिजाजक हारल छी  

ने ज्ञान भगति ने गुण कनिको 
बस लाज लेहाजक छारल छी

ने चालि चलल ने बूझल हम 
सरकार विवेकक डाढल छी 

"राजीव" कहब हम ककरा की 
निज कैल करैलक दागल छी 

२२१  १२२  २२२ 
@ राजीव रंजन मिश्र 

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