गजल-२३७
मोन मँहक उछाह क्रिकेट
देखि जँ लेब एक नजरि तँ
मोहि करत बताह क्रिकेट
खेल सँ सीख ज्ञान चली जँ
बेश उचित सलाह क्रिकेट
भाइ मनुख कँ लाइफ टा तँ
मैच सनक प्रवाह क्रिकेट
राखल पाग हिन्दुस्तान
मानल बादशाह क्रिकेट
२१ १२१ २१ १२१
@ राजीव रंजन मिश्र
No comments:
Post a Comment