गजल-२३४
करतब कम आ भाषन बेसी
ताकल उँचगर आसन बेसी
ताकल उँचगर आसन बेसी
अपने मोने ओ बड़ काबिल
तैँ नै चललै शासन बेसी
तैँ नै चललै शासन बेसी
रुचिगर भोजन छोऱल नै धरि
कैलक नित पद्मासन बेसी
कैलक नित पद्मासन बेसी
पूछल हुनका किछुओ क्यौ जे
कहला हमरे पासन बेसी
कहला हमरे पासन बेसी
बड़का छोटका नै किछु पानक
मोजर लेलक घासन बेसी
मोजर लेलक घासन बेसी
सनहक्की लै दौगल जे बुरि
रान्हल से अरगासन बेसी
रान्हल से अरगासन बेसी
देखल सदिखन ई राजीवक
मुँहफट अगिलह नासन बेसी
मुँहफट अगिलह नासन बेसी
2222 2222
@ राजीव रंजन मिश्र
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