DASTAN- E-JINDAGI
Wednesday, November 9, 2011
पूछो कभी जलते दीये की लौ से,
क्यों जल रहा वो इस कदर!
खिलखिला कर बोलेगा वो,
ऐ बन्दे! जलना भी अपने आप में है इक हुनर!!
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