गजल-292
नै बदरी नै धार जनै छै
पोसब पालनहार जनै छै
पोसब पालनहार जनै छै
महिरम गाछी खेतकँ चासक
अगबे टा रखबार जनै छै
अगबे टा रखबार जनै छै
डोंगी कोना पार उतरतै
मलहा आ पतवार जनै छै
मलहा आ पतवार जनै छै
बैसल ठाँ जे बात बनाबै
से खाली हूंकार जनै छै
से खाली हूंकार जनै छै
छाती नै राजीव उतानू
सभकेँ सभ व्यवहार जनै छै
सभकेँ सभ व्यवहार जनै छै
222 221 122
© राजीव रंजन मिश्र
© राजीव रंजन मिश्र
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