DASTAN- E-JINDAGI
Saturday, December 21, 2013
गजल-१५७
फुफकार कम मारू
किछु काजकेँ बाजू
अपना कमी खातिर
अनका त' नै दाबू
हद भेल यौ आबो
सोचू अपन बाबू
बस टांग झिकला पर
अनकर बढब आगू
राजीव संगे मिलि
इतिहास नब रचाबू
२२१ २२२
@ राजीव रंजन मिश्रा
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