गजल-४५
सभ बात छटल ठीके होइ छै
कलिकाल भसल ठीके होइ छै
कलिकाल भसल ठीके होइ छै
बुधियार बुझल चेतल सम्हरल
बुरिलेल मरल ठीके होइ छै
बुरिलेल मरल ठीके होइ छै
असलीत' बुझय अपनेट़ाक' सभ
अनकरत' नकल ठीके होइ छै
अनकरत' नकल ठीके होइ छै
उधियैब जरब कखनो ने उचित
सत बात गरल ठीके होइ छै
सत बात गरल ठीके होइ छै
जौँ भान रहत निक बेजैक टा
तौँ ग्यान सबल ठीके होइ छै
तौँ ग्यान सबल ठीके होइ छै
पग छानि गहब मानब सतक' नित
अवधारि चलल ठीके होइ छै
अवधारि चलल ठीके होइ छै
"राजीव" सदति मानू टा सखा
खहियारि कहल ठीके होइ छै
खहियारि कहल ठीके होइ छै
221 1222 212
@ राजीव रंजन मिश्र
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