मिथिला-मैथिलिक राजनीति
धोती छोङल चानन लेपल,खुट्टा गारल सभ ठामे ठाम
नगरे नगरे ढोल पिटल धरि घुरि ताकल ने अपना गाम
माय बापसँ सरोकार ने माटि पानिकँ सुआद ने जानल
मुदा मंच पर जमाकँ आसन सभ बनय छैथ बगुला राम
नगरे नगरे ढोल पिटल धरि घुरि ताकल ने अपना गाम
माय बापसँ सरोकार ने माटि पानिकँ सुआद ने जानल
मुदा मंच पर जमाकँ आसन सभ बनय छैथ बगुला राम
पंचायती ठोकल घर घर में,अपना पर ने सक किनको
लोक सगरत' खुब गुदानल,घर आंगन ने देलक दाम
लला रहल सभ देखिक' किरिया,झूका रहल नित माथा
मुदा नकारल बेटा-पोता,बिसरि रहल सभ पाग खराम
शहर बजार मे मिथिला मैथिली,गाम घर धरि मौलायल
मानल अहिठा नात-दियादी,ओहिठा टोले धरि बुझै गाम
रहल जथा ने खेत घरारी मुदा शान कि सहजे संग छोड़त
सोचि नियारल गहि पजियाओल मिथिला-मैथिलिक नाम
देखल बंगाली,सीखल पंजाबी आ मड़वारीक टाका गानब
पौलक सभटा निकहा सबहक,सोचलक लौटी अपना धाम
मुदा हाय रे हाय की देखल,लागल सभ गदहपचीसी टा मे
किया गुदानैथ ई सभ किनको,बुधि छैन्ह अपने घुट्ठी चाम
सभ अर्थे जे जगती देखल आ जीतल देस कोष मे ज्ञान बले
तिनका सभकँ मिलि बोकियाबैथ,चाही टा बस अर्थक खाम
छोरू यौ बाबू जुनि आर घिनाबू,राजनीति देखल आ बुझल
अपने अपने जौं घर गाम सम्हारब तैय्यो भेटत मान-सुनाम
@ राजीव रंजन मिश्र
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