गजल-१७६
ई भारत देश छी प्राण अपन
थिक देशक शानमे शान अपन
थिक देशक शानमे शान अपन
धरनी ब्रम्हांडमे साख जकर
तै माटिक मान टा मान अपन
तै माटिक मान टा मान अपन
सभतरि सभ गाबए गीत मुदा
मदमातल कोयलिक गान अपन
मदमातल कोयलिक गान अपन
किछु सीखह आबि तौं गेह हमर
तत मिठगर बोल जे आन अपन
तत मिठगर बोल जे आन अपन
छी पसरल दोग आ कोन सगर
धरि काजक काजमे ध्यान अपन
धरि काजक काजमे ध्यान अपन
नै बाजब बेश नै आँखि सहब
मर्यादा केर अछि भान अपन
मर्यादा केर अछि भान अपन
उनटा इतिहास भूगोल सभक
हम देखल ऊँच दोकान अपन
हम देखल ऊँच दोकान अपन
जय जय राजीव भारतकँ कहब
अछि सदिखन एतबे तान अपन
अछि सदिखन एतबे तान अपन
222 212 2112
@ राजीव रंजन मिश्र
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