गजल-९०
हाड़ मांसकँ बनल पुतली टा थिक मनुख
नाचि नाचिकँ बनल घिरुनी टा थिक मनुख
नाचि नाचिकँ बनल घिरुनी टा थिक मनुख
आप मोनसँ भने क्यौ हवलदार हो
सत् गप्प त' मुदा टिटही टा थिक मनुख
सत् गप्प त' मुदा टिटही टा थिक मनुख
जाहि बाटद' चलल चैनक नै छल दरस
आदि कालसँ भसल तखती टा थिक मनुख
आदि कालसँ भसल तखती टा थिक मनुख
कोन बातकँ बनर भभकी सरकार यौ
थोपि थापिक' मढ़ल पदबी टा थिक मनुख
थोपि थापिक' मढ़ल पदबी टा थिक मनुख
लोक बेदसँ त' भरल राजीवक आब हिय
लाख बान्हि क' चलल धुर छी टा थिक मनुख
लाख बान्हि क' चलल धुर छी टा थिक मनुख
२१२१ ११२ २२२ २१२
@ राजीव रंजन मिश्र
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