गजल-८६
ऐना हमरासँ पुछलक देखए किएक छी
घुरि फिरि एना रभसि नित ताकए किएक छी
घुरि फिरि एना रभसि नित ताकए किएक छी
हम देखाबी सदति सत रूप टा अहाँक धरि
सत बजला पर हमर मुँह दाबए किएक छी
सत बजला पर हमर मुँह दाबए किएक छी
नकली श्रृंगार सदिखन थोपने वयन बसन पर
आंगन सरकार झूठक नीपए किएक छी
आंगन सरकार झूठक नीपए किएक छी
चाहब झकझक इजोते दोगे दोग सभ मुदा
अन्हारक गीत सभ मिलि गाबए किएक छी
अन्हारक गीत सभ मिलि गाबए किएक छी
राखब चरजाकँ नै सुन्नर विकार भाब तजि
माथा "राजीव" आनक फोड़ए कियेक छी
माथा "राजीव" आनक फोड़ए कियेक छी
२२२२ १२२ २१२ १२१२
@ राजीव रंजन मिश्र
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