जखन चलल कोनो चर्चा हियामँ टीस उठल छल
जखन बहल यौ पछवा देहमँ शीत लागल छल
जखन बहल यौ पछवा देहमँ शीत लागल छल
ओनात' संग चलयला बहुत हमर हितैषी छल
मुदा ओ बात ने ककरो मे किन्नहुँ ताकि भेटल छल
मुदा ओ बात ने ककरो मे किन्नहुँ ताकि भेटल छल
जगतकँ बात की करब विरल एक्कर पिहानी छै
जतय देखल ओतहिं सभक्यौ खीचैंमँ जूटल छल
जतय देखल ओतहिं सभक्यौ खीचैंमँ जूटल छल
बिसरि कैलहा ने राखल मोन कोनो किर्तकँ जकर
ओही बाँसक बरेरी पर सभकँ आस टीकल छल
ओही बाँसक बरेरी पर सभकँ आस टीकल छल
जुअनका ताल ठोकै आर बुढबा मोछ पिजबै बैसि
अही धूरखेल मे सदिखन नारी पीसि मरल छल
अही धूरखेल मे सदिखन नारी पीसि मरल छल
"राजीव" चारि दिनक लेल भेटल भीख अछि जीनगी
बुझि एकरा बपौती सभ जेना अकाश चढल छल
राजीव रंजन मिश्र
बुझि एकरा बपौती सभ जेना अकाश चढल छल
राजीव रंजन मिश्र
मुझे तुम याद करना और मुझको याद आना तुम!!!!
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