Wednesday, July 25, 2012

मुस्की अहाँक मारुक पूनम के चान सन
ठोरक अहाँक लाली चैती गुलाब सन

कनखी अहाँ जे मारी होबय एहन चुभन
मारल अहाँ नैनक भटकई छी रण बन 

बैन अहाँक रुचिगर सुमधुर तान सन
सुनबा ला बोल व्याकुल छी सदिखन 

केश अहाँक कारी मेघ सन सघन 
छांह में एकरे कटैत रहय जीवन

यौवन अहाँक छलकैत शराब सन
मदमस्त भेल छी पिबि पिबि हम

संग पाबि अहाँक गमकल आँगन
चाह अछि यैह टा संग रही प्रीतम

राजीव रंजन मिश्र 
२३.०६.२०१२ 

No comments:

Post a Comment