गजल - ९९
कखनो किछु बात बुझल करू मोनक
धरकन दिन राति बनल करू मोनक
धरकन दिन राति बनल करू मोनक
ई जे सिसकल त' लता पता सुनलक
आहाँ फरियाद सुनल करू मोनक
छोहक मारल त' घड़ी घड़ी तड़पल
मरहम बनि घाव भरल करू मोनक
कहबो ककरो जँ करब त' के बूझत
संगे बस मीत रहल करू मोनक
गाबी राजीव सदति गजल नेहक
ततबा धरि चाह सुफल करू मोनक
2222 112 1222
@ राजीव रंजन मिश्र
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