कृष्णाष्टमी बधैय्या भजन
मंगल गाबू सभ सखि मिलिकँ,माधब झुलि रहल पलना।
भरि भरि थारी कनक लुटाबू यशोदा माय जनल ललना।।
मंगल गाबू ......
भरि भरि थारी कनक लुटाबू यशोदा माय जनल ललना।।
मंगल गाबू ......
मगन मुदित सभ घरबारी आ नाचि रहल छथि नर नारी।
रूप जेना बैकुण्ठ सजओल,चमकि रहल बड घर-अंगना!!
रूप जेना बैकुण्ठ सजओल,चमकि रहल बड घर-अंगना!!
मंगल गाबू ......
नन्द बाबा लूटबैथि दुनू हाथे,रतन जवाहर,हीरा,पन्ना।
निहुँछि निहुँछि लालाकँ यशुदा,बाँटि रहल छथि कर-कंगना।।
निहुँछि निहुँछि लालाकँ यशुदा,बाँटि रहल छथि कर-कंगना।।
मंगल गाबू ......
नारद,शारद,शिव चतुरादिक,गाबि रहल छथि मंगल स्तुति।
बिहुँसि रहल छथि विष्णुप्रिया स्वयम देखि मुदित अनुपम रचना।।
मंगल गाबू ........
बिहुँसि रहल छथि विष्णुप्रिया स्वयम देखि मुदित अनुपम रचना।।
मंगल गाबू ........
"राजीव" गाबैथ खूब बधैय्या,खण रभसथि खण झमा खसैथ।
चाह ने कनिको हीरा मानिकक,पाबि गेला सभ मुँहबजना।।
मंगल गाबू ..........
चाह ने कनिको हीरा मानिकक,पाबि गेला सभ मुँहबजना।।
मंगल गाबू ..........
@ राजीव रंजन मिश्र
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