Friday, February 15, 2013

अति उत्साहित हर्षित मोने हम अधिकार दिवस मनाबय छी
मिथिला मैथिलिक होय जग वंदन बस गीत याह टा गाबय छी 


होय नारिक समुचित शिक्षा-दीक्षा ने भेद होय बेट़ा-बेटी में कोनो
होय ख़त्म जैतुकक लोलुपता सत मोने ई शपथ उठाबय छी


अछि कष्ट भरल धियाकँ जिवन,चलल केहन गन्दा परिपाटी
देखि समाजक अधोदशा,आँखिसँ हम शोणित नोर बहाबय छी


नौ बरख बितल छी गनल गुथल,सेहो अपने मे भाँजैत लाठी
अपनहिं रंग ताल में मदमातल एक-दोसरकँ गरियाबय छी 


अछि भरल पुरल इतिहास अपन,ने ककरोसँ हम घटल
की कमी रहल,चलू बैसू पहिने याह हम-अहाँ फरियाबय छी 


कानि रहल छथि माँ मिथिले,मैथिल चहुँदिसि छिङियायल छथि
यौ बाऊ लोकनि मैथिल ललना,आबू मिलि मिथिलाकँ सजाबय छी 


धरू नब डेग छोडिकँ मनमोटाब आ ऊँच -नीच केर भेद भाब
ने रभस करी ने दम्भ कनिकबो "राजीव"सदति गोहराबय छी 

(सरल वार्णिक बहर,वर्ण-25)
राजीव रंजन मिश्र 



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