गजल-३३३
अहाँ केस आ हम कंघी छी
अहीँ आब जीवन संगी छी
अहीँ आब जीवन संगी छी
ककर भेल काजक ई जगती
सभक संग सदिखन तंगी छी
सभक संग सदिखन तंगी छी
सुनर नैन आ चंचल चितवन
मयुरपंख सन सतरंगी छी
मयुरपंख सन सतरंगी छी
बुझू आइ हम राजा नल आ
ऐल अहाँ बनि दमयंती छी
ऐल अहाँ बनि दमयंती छी
बनल प्रानप्रिय राजीवक जनि
सए जन्मकेँ संबंधी छी
सए जन्मकेँ संबंधी छी
1221 22 222
© राजीव रंजन मिश्र
© राजीव रंजन मिश्र
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