Saturday, November 17, 2012


       बाल गजल -५ 

हम भारत के वीर जवान बनब
हम मिथिलाक पूत महान बनब 

घर हमर जे उजरल लचरल
बसबय के एकर समान बनब 

माय गे पढ़बौ हम खुब मोन लगा
नै पढ़ल लिखल बईमान बनब 

घर समाज के देखति सुनति हम
पुरजोर इजोरियाक चान बनब 

पछुआयल छै देश कोस मिथिला के 
अगुआ भए सुधारक तान बनब 

काज करब हम सबके संग लए
आ मैथिल जन मुहंक गान बनब 

हम सप्पत खाइत छी आइ माय गे 
मातृभूमि मिथिला केर मान बनब 

(सरल वार्णिक वर्ण-१४) 
राजीव रंजन मिश्र 

No comments:

Post a Comment