Saturday, July 19, 2014

। श्रीमते रामानुजाय नमः।।

झूला भजन -४ 

चलू हे सखी शोभा आइ निहारी 
झूलि रहल राधा संग माधव 
निधिवनमे गलबँहियाँ डारी 
चलू हे सखी ……. 

नन्दनंदन संग बृषभानुनंदनी  
झुला रहल सखियन सभ प्यारी 
चलू हे सखी ……. 

चानन पटरी रेशम डोरी 
झूला अजब गजब सुखकारी 
चलू हे सखी ……. 

यमुनाकेँ जल कलकल छलछल 
गाछ कदम तर झूला डारी 
चलू हे सखी ……. 

मोर पपिहरा भौँरा नाचल 
नाचि रहल राधा गिरधारी 
चलू हे सखी ……. 

अजगुत छँटा चढ़ल साओनकेँ 
लखि लखि विस्मित छथि नर नारी 
चलू हे सखी ……. 

ताल सरोवर जल अप्लावित 
सुभग सुवासित क्यारी-क्यारी 
चलू हे सखी ……. 

धरनी चान तरेगन उमड़ल 
बारल सभटा सुख ब्रजनारी 
चलू हे सखी ……. 

शोभा अपरूप जनि वैकुण्ठक 
निरखि निरखि राजीव बलिहारी  
चलू हे सखी ……. 

@ राजीव रंजन मिश्र 

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