Wednesday, January 1, 2014

गजल-१६३ 

मरजादाक भान रखने मान होइ छैक सदिखन 
निकहा लेल संग अनका आन होइ छैक सदिखन  

इतिहासक उनटि जँ पन्ना लिअ' त' यैह टा कहत जे
रहने नीक दल सफल कप्तान होइ छैक सदिखन 

गप बाजब अमेरिकाकेँ नीक थिक खराब नै धरि
काजक लोककेँ अपन खरिहान होइ छैक सदिखन 

नेता आचरणसँ निज आदर्श श्रेष्ठ भेल तहने
दुनियामे तकर यशक गुनगान होइ छैक सदिखन

बुझि राजीव गेल करतब आ सिमान अपन से
मनुखक रूपमे पुनमकेँ चान होइ छैक सदिखन

२२२१ २१२२ २१२१ २१२२ 
@ राजीव रंजन मिश्र  

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