Saturday, October 5, 2013

जिनगीमे माथा झुकाबए परत 
मरि मरि ई जीवन बिताबए परत 
कतबो कोनाहूँ चलब ग' धरि सखा 
ऋण करजा सभदिन चुकाबए परत 

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