Monday, March 18, 2013


गजल-४१  

दहकल मोनक सभ बात अलग छै
धरगर बोलक सभ बात अलग छै

सनकल भासल चहुँ कात घिनाबै
बुझनुक लोकक सभ बात अलग छै

टभकल घाबक बड कष्ट सताबै
मलहम नेहक सभ बात अलग छै

बह्सल मोनक कत गीत सुनल हम
गजलक जोहक सभ बात अलग छै

टनगर "राजीव"क बोल सदति छल
बदलल टोनक सभ बात अलग छै

2222 221 122
@ राजीव रंजन मिश्र

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