Saturday, August 16, 2014

भक्ति गजल-१६ 

दानी के कन्हैय्या सन
शरणागत रखवैय्या सन

भेटल नै मीता सखि हे
गोबरधन उठवैय्या सन 

चरबै हमहूँ गोकुलमे
नंदक बाछर गैय्या सन

चाही चैनक अनुपम सुख
कदमक शीतल छैय्या सन

भँवरा बनि हिय नाचल ई
बहि शीतल पुरवैय्या सन 

मोनक चाटी बूझत के
राधा रानी मैय्या सन

हिय उमरल राजीवक जनि
यमुना ताल तलैय्या सन

222 2222
@ राजीव रंजन मिश्र 

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