Wednesday, September 4, 2013

भागबत भजन -१ 

चलू सभ पहुँचब ओ बैकुण्ठ धाम 
जतए दुख कोनो नै यौ
बिरल बड गुरु चरणक थिक मान 
रहत दुख कोनो नै यौ

गुरु किरपासँ सभ किछु भेटल,
दैहिक दैबिक भौतिक मेटल 
गुरुवर मोड़ल दैब विधान 
से दोहमत कोनो नै यौ 
चलू सभ पहुँचब ओ  ………………. 

बिरजा पार सजल एक नगरी 
पहुँचल जहिठा केवट सबरी 
बस बूझल ओ रामक नाम 
एहन गुण कोनो नै यौ 
चलू सभ पहुँचब ओ  ………………. 

बड दुरलभ ई मानुस काया 
भेटत पुनि जुनि सोचू भाया 
करू नित गुरु महिमा गुणगान 
छुटत सुख कोनो नै यौ 
चलू सभ पहुँचब ओ  ………………. 

@ राजीव रंजन मिश्र 

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