Friday, August 2, 2013

गजल-९२ 

नोर हमर सुखा गेल
मोन त' छटपटा गेल 


गहिक' चलल जकर संग
हाथ झटकि परा गेल 


बात सजल धजल धरि
काज मुदा घिना गेल 


हद क' रहल वचन बानि
नेत सभक बुझा गेल 


मोन परल त' राजीव
सुन्न नयन मुना गेल 

  
२११२ १२२१

@ राजीव रंजन मिश्र 
  

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